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– जब दो या दो से अधिक सार्थक पदों को मिलाकर एक नया पद बना दिया जाय तो उस प्रक्रिया को समास कहते हैं|
जैसे – तीन भुजाओं का समूह = त्रिभुज
– समास शब्द संस्कृत के सम् उपसर्ग के अस् धातु से बना है | समास शब्द का शब्दिक अर्थ है –संक्षिप्तीकरण करना | लम्बे पदों को कम से कम शब्दों में कहना ही समास है|
– समस्त पद या समास को अलग –अलग करना या उसको पूर्व काल का रूप देना ही समास विग्रह कहलाता है | समास विग्राह में समासिक शब्दों के बीच के सम्बंध को स्पष्ट किया जाता है |
उदाहरण – “ नेत्रहीन “ का समास विग्रह होगा- नेत्र से हीन |
माता – पिता का समास विग्रह होगा – माता और पिता |
समास के भेद – समास के मुख्य रुप से चार भेद हैं | कर्मधारय और द्विगु को तत्पुरुष के भेद माना जाता है | इनका स्वतंत्र वर्णन करने पर समास के छह भेद हैं –
अव्ययीभाव समास के उदाहरण – प्रतिदिन – इसमें पूर्व पद “प्रति” अव्यय है | इसका विग्रह “ प्रत्येक दिन “ होगा | अव्ययीभाव समास के विग्रह के लिये सामासिक पद के अर्थ का प्रयोग करते है |
अव्ययीभाव समास के उदाहरण -
| समास (समस्त पद) | समास विग्रह |
| प्रतिदिन | प्रत्येक दिन |
| यथाशक्ति | शक्ति के अनुसार |
| उपगंगा | गंगा के समीप |
| आजन्म | जन्म से लेकर |
| आमरण | मृत्यु तक |
| प्रत्येक | एक-एक के प्रति |
| यथारूचि | रूचि के अनुसार |
| यथाक्रम | क्रम के अनुसार |
| यथासाध्य | जितना साधा जा सके |
| यथानियम | नियम के अनुसार |
| प्रतिवर्ष | हर वर्ष |
| यथाकर्म | कर्म के अनुसार |
| यथाशीघ्र | जितना शीघ्र हो सके |
| उपकूल | कूल के समीप |
| निर्भय | भय रहित |
| नियमानुसार | नियम के अनुसार |
| यथाविधि | विधि के अनुसार |
| प्रत्यक्ष | आँखों के सामने |
| सपरिवार | परिवार के साथ |
| सपत्नीक | पत्नी के साथ |
| भरपेट | पेट भर के |
| निडर | बिना डरे |
| एकाएक | अचानक |
| धड़ाधड़ | धड़-धड़ की आवाज |
तत्पुरुष समास के भेद – कारक चिह्नों के आधार पर तत्पुरूष समास के 6 भेद है –
द्वितीया तत्पुरुष के उदाहरण –
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| सुखप्राप्त | सुख को प्राप्त |
| वनगमन | वन को गमन |
| स्वर्गप्राप्त | स्वर्ग को प्राप्त |
| जनप्रिय | जन को प्रिय |
| परलोकगमन | परलोक को जाना |
| मरणासन्न | मरण को आसन्न |
| मोक्षप्राप्त | मोक्ष को प्राप्त |
| पाकिटमार | पाकिट को मारने वाला |
| माखनचोर | माखन को चुरानेवाला |
| चिड़ीमार | चिडियों को मारने वाला |
| तेलचट्टा | तेल को चाटने वाला |
| मनोहर | मन को अच्छा लगने वाला |
| गगनचूम्बी | गगन को चूमने वाला |
| चित्तचोर | हृदय को चुराने वाला |
| घरफूँक | घर को फूँकने वाला |
| मुँहतोड़ | मुँह को तोड़ने वाला |
| गिरहकट | गिरह को काटने वाला |
तृतीया तत्पुरूष समास के उदाहरण –
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| तुलसीकृत | तुलसी के द्वारा रचित |
| रसभरा | रस से भरा |
| रोगग्रस्त | रोग से ग्रस्त |
| गुणयुक्त | गुणों से युक्त |
| करुणापूर्ण | करूणा से पूर्ण |
| मेघाच्छन्न | मेघ से आच्छन्न |
| शोकग्रस्त | शोक से ग्रस्त |
| पददलित | पद से दलित |
| अकालपीड़ित | अकाल से पीड़ित |
| बाणाहत | बाण से आहत |
| शोकाकुल | शोक से आकुल |
| क्षुधापीड़ित | भूख से पीड़ित |
| व्याधिग्रस्त | व्याधि से ग्रस्त |
| भुखमरी | भूख से मरी |
| भयाकुल | भय से आकुल |
| आँखोंदेखी | आँखो से देखी |
| स्वरचित | स्वयं के द्वारा रचित |
| आचारकुशल | आचार से कुशल |
| मनचाहा | मन से चाहा |
| वज्राहत | वज्र से आहत |
| बंधनयुक्त | बंधन से युक्त |
| मुँहमाँगा | मुँह से माँगा |
चतुर्थी तत्पुरूष के उदाहरण –
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| विद्यालय | विद्या के लिए आलय |
| कन्या विद्यालय | कन्याओं के लिए विद्यालय |
| प्रयोगशाला | प्रयोग के लिए शाला |
| देशभक्ति | देश के लिए भक्ति |
| विश्रामगृह | विश्राम के लिए गृह |
| गुरूदक्षिणा | गुरू के लिए दक्षिणा |
| स्नानघर | स्नान के लिए घर |
| भूतबलि | भूतों के लिए बलि |
| गौशाला | गायों के लिए शाला |
| सत्याग्रह | सत्य के लिए आग्रह |
| डाकगाड़ी | डाक के लिए गाड़ी |
| मार्गव्यय | मार्ग के लिए व्यय |
| यज्ञशाला | यज्ञ के लिए शाला |
| रसोईघर | रसोई के लिए घर |
| हवनकुंड | हवन के लिए कुंड |
| विधान सभा | विधान के लिए सभा |
| मालगोदाम | माल के लिए गोदाम |
| सभाभवन | सभा के लिये भवन |
| ब्राह्मणदक्षिणा | ब्राह्मण के लिए दक्षिणा |
पंचमी तत्पुरूष के उदाहरण –
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| पदच्युत | पद से च्युत |
| रणविमुख | रण से विमुख |
| पापमुक्त | पाप से मुक्त |
| लोकोत्तर | लोक से उत्तर /परे |
| ऋणमुक्त | ऋण से मुक्त |
| रोगमुक्त | रोग से मुक्त |
| जातिच्युत | जाति से च्युत |
| देश निकाला | देश से निकाला |
| पथभ्रष्ट | पथ से भ्रष्ट |
| कामचोर | काम से जी चुराने वाला |
| चिंतामुक्त | चिंता से मुक्त |
| दोषमुक्त | दोष से मुक्त |
| कर्म विमुख | कर्म से विमुख |
| बंधनमुक्त | बंधन से मुक्त |
| रोगमुक्त | रोग से मुक्त |
| भयभीत | भय से डरा हुआ |
में सम्बंध कारक छिपा होता है |
षष्ठी तत्पुरूष के उदाहरण –
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| राजपुत्र | राजा का पुत्र |
| राज भवन | राजा का भवन |
| राज्याध्यक्ष | राज्य का अध्यक्ष |
| गंगाजल | गंगा का जल |
| वीरपुत्र | वीर का पुत्र |
| सभापति | सभा का पति ( स्वामी) |
| जलधारा | जल की धारा |
| आम्रवृक्ष | आम का वृक्ष |
| सेनानायक | सेना का नायक |
| देशसेवा | देश की सेवा |
| सुखभोग | सुख का भोग |
| अनारदाना | अनार का दाना |
| ग्रामवासी | ग्राम का निवासी |
| गृहस्वामी | घर का स्वामी |
| विभागाध्यक्ष | विभाग का अध्यक्ष |
| करुणासागर | करूणा का सागर |
| सेनापति | सेना का पति |
| सेनानायक | सेना का नायक |
सप्तमी तत्पुरूष समास के उदाहरण -
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| नरोत्तम | नरों में उत्तम |
| शास्त्र निपुण | शास्त्र में निपुण |
| कार्यदक्ष | कार्य में दक्ष |
| आपबीती | अपने पर बीती |
| कलाप्रवीण | कला में प्रवीण |
| रणशूर | रण में शूर |
| सिंहासनारूढ़ | सिंहासन पर आरूढ़ |
| नगर प्रवेश | नगर में प्रवेश |
| सर्वोत्तम | सभी में उत्तम |
| कविश्रेष्ठ | कवियों में श्रेष्ठ |
| प्रेममग्न | प्रेम में मग्न |
| सिरदर्द | सिर में दर्द |
| कार्यकुशल | कार्य में कुशल |
| रणकुशल | रण में कुशल |
| वीर श्रेष्ठ | वीरों में श्रेष्ठ |
तत्पुरुष समास के अन्य भेद – इसके अतिरिक्त तत्पुरूष समास के अ न्य भेद भी है | जिनका वर्णन आवश्यक है | जो इस प्रकार है –
नञ तत्पुरूष समास के उदाहरण –
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| अनादि | जो आदि न हो ( न आदि ) |
| अनंत | जिसका अंत न हो |
| असभ्य | जो सभ्य न हो ( न सभ्य ) |
| अन्याय | न्याय न हो |
| असम्भव | सम्भव न हो ( न सम्भव ) |
| नास्तिक | न आस्तिक |
| अनिष्ट | न इष्ट |
| अदूर | न दूर |
अलुक तत्पुरूष समास का उदाहरण -
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| युधिष्ठिर | युद्ध में स्थिर रहने वाला |
| खेचर | आकाश में उड़ने वाला |
| निशिचर | रात्रि में विचरण करने वाला |
| दिवंगत | जो मर गया हो |
| अंतेवासी | पास में रहने वाला |
उपपद तत्पुरूष समास के उदाहरण -
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| लेखक | लेख लिखने वाला |
| पाठक | पाठ करने वाला |
| शाष्त्रज्ञ | शाष्त्र जानने वाला |
| जलचर | जल में रहने वाला |
| मधुप | मधु को पीने वाला ( भ्रमर ) |
| अल्पज्ञ | कम जानने वाला |
प्रादि तत्पुरूष समास के उदाहरण –
| समास (समस्त पद ) | समास विग्रह |
| कुपुरूष | खराब आदमी |
| विज्ञान | विशेष ज्ञान |
| दुर्जन | बुरा आदमी |
| प्राचार्य | बहुत विद्वान |
उदाहरण-
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| महादेव | महान देवता |
| कृष्णसर्प | काला सर्प |
| नीलकमल | नीला कमल |
| महाकवि | महान कवि |
| महावीर | महान वीर |
उदाहरण -
| समास ( समस्त पद) | समास विग्रह |
| कृष्णश्वेत | काला और सफेद |
| पीतकृष्ण | पीला और काला |
| शीतोष्ण | ठण्डा और गर्म |
| नीलपीत | नीला और पीला |
उदाहरण -
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| मुखचंद्र | मुख चंद्र की तरह |
| नरसिंह | नर सिंह की तरह |
| घनश्याम | बादलों के समान श्याम |
| कमलकोमल | कमल के समान कोमल |
उदाहरण-
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| मुखकमल | मुख रूपी कमल |
| विद्याधन | विद्या रूपी धन |
| शोकाग्नि | शोक रूपी अग्नि |
| चरणकमल | चरण रूपी कमल |
| चंद्रमुख | चंद्र रूपी मुख |
उदाहरण -
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| त्रिभुवन | तीन भुवनों का समूह ( समाहार ) |
| त्रिफला | तीन फलों का समूह |
| चौराहा | चार राहों का समूह |
| नवग्रह | नौ ग्रहों का समूह |
| पंचवटी | पाँच वटों का समूह |
| चतुर्वेद | चार वेदों का समूह |
| नवरत्न | नौ रत्नों का समूह |
| पंचपात्र | पाँच पात्रों का समूह |
| दोपहर | दो पहरों का समूह |
| चतुर्फल | चार फलों का समूह |
| पंचामृत | पाँच अमृतों का समूह |
| चतुरानन | चार मुखों का समूह |
| त्रिगुण | तीन गुणों का समूह |
| अठन्नी | आठ आनोंका समूह |
| चौमासा | चार मासों का समूह |
| चतुर्दिक | चार दिशाओं का समाहार |
| अष्टभुज | आठ भुजाओं का समाहार |
| द्विरात्र | दो रातों का समूह |
द्वंद्व समास के भेद – द्वंद्व समास के मुख्यत: तीन भेद है –
उदाहरण –
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| माता-पिता | माता और पिता |
| भाई- बहन | भाई और बहन |
| स्त्री-पुरुष | स्त्री और पुरूष |
| राम –कृष्ण | राम और कृष्ण |
| गंगा –यमुना | गंगा और यमुना |
| लव – कुश | लव और कुश |
| राधा- कृष्ण | राधा और कृष्ण |
उदाहरण -| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| अन्न – जल | अन्न और जल ( सम्पूर्ण भोजन के अर्थ में ) |
| रूपया –पैसा | रूपया और पैसा ( सम्पत्ति के अर्थ में ) |
| मोटा – ताजा | मोटा और ताजा ( अच्छे स्वास्थ के अर्थ में) |
| कपड़ा – लत्ता | कपड़ा और लत्ता ( वस्त्र के अर्थ में ) |
| सेठ – साहूकार | सेठ और साहूकार ( धनी लोगों के अर्थ में ) |
| घर –द्वार | घर और द्वार ( परिवार के अर्थ में ) |
उदाहरण -
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| थोड़ा- बहुत | थोड़ा या बहुत |
| सुख- दु:ख | सुख या दुख |
| पाप – पुण्य | पाप या पुण्य |
| छोटा – बड़ा | छोटा या बड़ा |
| भूखा – प्यासा | भूखा या प्यासा |
| भला –बुरा | भला या बुरा |
| धर्माधर्म | धर्म अथवा अधर्म |
| जीवन –मरण | जीवन अथवा मरण |
बहुब्रीहि शब्द का अर्थ – बहुब्रीहि शब्द का यौगिक अर्थ इस प्रकार है – बहुब्रीहि : (धान्यं ) यस्य अस्ति स: बहुब्रीहि : ( जिसके पास बहुत चावल हो ) | इसमे दो शब्द है | प्रथम शब्द दूसरे शब्द का विशेषण है और दोनों मिलकर किसी तीसरे शब्द के विशेषण हैं इसलिए ऐसे समासों को बहुब्रीहि समास कहते हैं |
बहुब्रीहि समास के भेद –इस समास के चार भेद हैं –
उदाहरण –
| समास (समस्त पद ) | समास विग्रह |
| दशानन | दश है आनन जिसके अर्थात् रावण |
| त्रिनेत्र | तीन है नेत्र जिसके अर्थात् शंकर |
| लम्बोदर | लम्बा है उदर जिसका अर्थात् गणेश |
| एकदंत | एक है दाँत जिसके अर्थात् गणेश |
| पीताम्बर | पीला है वस्त्र जिसका अर्थात् श्रीकृष्ण |
| यशोधन | यश ही है धन जिसका अर्थात् विशेष व्यक्ति |
उदाहरण -
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| चंद्रपाणि | चक्र है हाथ में जिसके अर्थात् विष्णु |
| शूलपाणि | शूल है हाथ में जिसके अर्थात् शंकर |
| चंद्रशेखर | चंद्र है सिर पर जिसके अर्थात् शंकर |
| मृगनयनी | मृग के नयनों के समान है नयन जिसके अर्थात् रूपवती स्त्री |
| वीणापाणि | वीणा है हाथ में जिसके अर्थात् सरस्वती |
| गिरिधर | गिरि को धारण करने वाले अर्थात् श्रीकृष्ण |
| पीयूषपाणि | पीयूष है हाथ में जिसके अर्थात् वैद्य |
उदाहरण –
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| सपरिवार | परिवार के साथ है जो |
| सपुत्र | पुत्र के साथ है जो ( पिता ) |
| सानुज | छोटे भाई के साथ है जो |
| सशरीर | शरीर के साथ है जो |
| सचेत | चेतना के साथ है जो |
उदाहरण -
| समास ( समस्त पद ) | समास विग्रह |
| धक्कामुक्की | धक्कों से जो लड़ाई हुई | |
| केशाकेशि | बालों को पकड़ कर हुआ युद्ध |
| मुक्कामुक्की | मुक्कों से हुई लड़ाई |
| लाठालाठी | लाठियों से हुई लड़ाई |
| बाताबाती | बातों- बातों से जो झगड़ा हुआ |
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