पतझड़ भी जिंदगी का हिस्सा है फर्क है इतना कुदरत से सूखते है पते जिंदगी मे सूखते है रिश्ते जो जो नाम के होते है सावन की तरह और बिखर जाते है पतझड़ की तरह पतझड़ मे पते लगा नहीं सकते वैसे ही जबरदस्ती रिश्ते बना नहीं सकते पत्थर के दिल पिघला नहीं […]
Read More...कल देखा किसने है जो है आज है जिस पल मे हम खुश है वो पल सबसे खूबसूरत है मन मे सब रखो खुशी की तरह जो है आज है गुंजाइस फूलो की रखो तो काँटों को क्यों छुए हम जहां जागने की जरूरत हो तो वहाँ सोय क्यो हम खुशियों की बौछार है यही […]
Read More...सावन की पहली बरसात सा होता है पहला प्यार ओस की बूंदो की तरह सतह पर ठहरा सा होता है पहला प्यार ………. वक्त रुक जाता है सब छूट जाता है बस यादों मे वक्त की तरह रुक जाता है पहला प्यार………. उमंगो की तरह बसता है रंगों की तरह बिखर जाता है पहला प्यार……… […]
Read More...माँ की ममता है सबसे प्यारी क्यूंकि माँ की ममता होती है सबसे न्यारी भगवान का दूसरा रूप है माँ माँ के आगे झुकते है सब भगवान भी माँ तो जन्नत के सब फूलो से होती है न्यारी माँ को नाराज करना हर इंसान की भूल होती है सबसे बड़ी माँ के कदमो की मिट्टी […]
Read More...बेटियां जग ये कहता है सारा,बेटियां होती है बोझ का पिटारा, गर हुयी बेटी तो मुहँ लटक जाए,हुआ गर बेटा तो लड्डू की दुकान मगवाए, ऐसा है सोच जग का सारा, पर मेरे मन को बात न ये गंवारा कि बेटियां होती है बोझ का पिटारा। मै तो कहू,बेटियां है वो दीपक की ज्योति, जो […]
Read More...बढ़ती आधुनिकता और पश्चिमीकरण का प्रभाव बढ़ती आधुनिकता और पश्चिमीकरण का है ,ये आज परिणाम, बढ़ रही दूरियां ना रहा भाई -चारे सा व्यवहार था पहले एक जमाना,जब रहते थे लोग साथ, फैली जब से आधुनिकता , आधुनिक बन गया आज मानव व्यवहार भी, साथ होकर भी कोई न रहता साथ, बढ़ती आधुनिकता और […]
Read More...कोरोना हारेगा भारत जीतेगा कोरोना है एक सर्व्यव्यापी चिंगारी। चाइना ने इसे उभारी।। खा – खाकर सभी जीवों को, अपने को समझ बैठा शेर। खूब रोया -पीटा पछताया , जब गिर पड़ी प्रलय की ढेर।। कोरोना है एक सर्व्यव्यापी चिंगारी। जनमानस ने इसे उभारी।। करता एक से दूसरे पर यह वार। घर पर रहकर कर […]
Read More...होगी विजय कर धैर्य धारण हे मनुज, इस विकट भयंकर काल में। रख हौसला अपने हृदय में, गति रोक कर संयम बरत। हर युद्ध की नीति अलग, इतिहास को भी जान ले। जब शत्रु हो हमसे प्रबल, जा दूर उससे हो अदृश्य। दे तोड़ उसकी हर कड़ी, कमजोर कर क्षण- क्षण उसे। संकल्प ले निश्चित […]
Read More...धन्यवाद कोरोना तुमने भेजा है उन लोगो को गांव में जो सालो से नहीं गए थे पीपल की छांव में तुमने कई मांओ को मिलाया है अपने बच्चो से तुमने मिलाया है हमें समाज के दुश्मनों से, अपनी तो अपनी इस जहान के दुश्मनों से तुमने ठहराया है गलत डार्विन के सिद्धांत को बलशाली की […]
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