प्रत्यय का अर्थ व परिभाषा – प्रत्यय दो शब्दों “ प्रति + अय =प्रत्यय “ से मिलकर बना है जिसमें प्रति का अर्थ है – साथ में परंतु बाद में और ‘ अय ‘का अर्थ है – चलने वाला |
जो शब्दांश किसी मूल शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन कर देते है | उन्हे प्रत्यय कहते है | जैसे – “ मूर्ख में ता प्रत्यय जोड़ने से शब्द बनेगा – “ मूर्खता ” |
यदि हम ध्यान से देखे तो प्रत्यय और उपसर्ग में अंतर आगे और पीछे का है | उपसर्ग में मूल शब्द के पहले जोड़ा जाता है , और प्रत्यय में जो शब्द जोड़े जाते है| वे मूल शब्द के बाद जोड़े जाते है |
प्रत्यय लगने पर मूल शब्द और प्रत्यय में संधि नहीं होती है | शब्द के अंतिम वर्ग के मिलने वाले प्रत्यय के स्वर की मात्रा लगाते है, तथा व्यंजन होने पर यथावत ही रहता है |
जैसे- व्यंजन होने की दशा में – नाटक + कार = नाटककार
प्रत्यय के भेद – प्रत्यय के मुख्यत: दो भेद है :-
जैसे – लेख् + अक = लेखक
कृदंत प्रत्यय के भेद –
कृदंत प्रत्यय के कई भेद हैं |हिंदी ,संस्कृत तथा उर्दू कई भाषाओं के प्रत्यय होते है | इसकी लम्बी सूची है ,फिर भी अधिकांश का वर्णन किया जा रहा है , जो इस प्रकार है-
हिंदी के कृदंत प्रत्यय
हिन्दी के कृत प्रत्ययों का वर्णन निम्न है –
उदाहरण –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| अ | घेर , चाल , खीझ , चीख , जीत , पेर , हार , मार , लटक , माप , लेन ,मेल |
| आ | छापा, घाटा , रगड़ा , गुजारा , लचका , झटका , ठाहाका , प्यासा , भूखा, लेखा |
| आई | मिठाई , भलाई, लिखाई , चढ़ाई , पेराई, लड़ाई , सिलाई , बनवाई, जुताई , कसाई , पिसाई , सिलाई , रंगाई |
| आन | चलान , मिलान , लगान , मुस्कान ,खदान , मकान |
| आस | प्यास , निकास , पदास, गिलास, विकास |
| आप | मिलाप , विलाप , अलाप , प्रलाप |
| आव | अलगाव , उतराव ,बदलाव , चुनाव , दुराव , बचाव |
| आवट | लिखावट , सजावट , थकावट , बुलावट , मिलावट |
| आहट | गरमाहट , घबराहट , जगमाहट , हकलाहट , सुरसुराहट , बौखलाहट, टिमटिमाहट ,फुसफुसाहट |
| आवा | छलावा , दिखावा , बुलावा , डरावा , पछतावा |
| ई | पढ़ाई , लिखाई , हँसी , भमकी ,बोली , चुटकी |
| ती | गिनती , चढ़ी , बढ़ती ,बढ़ती,घटती ,फिरौती ,सुहाती , पछेती |
| नी | कटनी , मरनी, करनी , ठनी |
| पन | लड़कपन , बचपन |
| इया | मइया , भइया , गवइया , घटिया |
उदाहरण -
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| अक्कड़ | भुलक्कड़ , कुदक्कड़ , पियक्कड़ , बुझक्कड़ |
| आक | तैराक, उड़ाक |
| आकू | लड़ाकू , पढ़ाकू |
| आड़ी | खिलाड़ी |
| ओड़ा | भगोड़ा , हँसोड़ा |
| आर | सुनार , लोहार |
| अक | लेखक , साधक ,पाठक |
| इयल | मरियल , सड़ियल , अड़ियल |
| इया | दुखिया , सुखिया ,दुनिया ,रसिया |
| एरा | लुटेरा , सपेरा , लखेरा |
| ऐत | चढ़ैत, डकैत ,लठैत |
| वैया | गवैया ,खिवैया |
| वाला | कहनेवाला, चाहनेवाला बोलनेवाला , नाचनेवाला |
उदाहरण –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| आवत | महावत , कहावत |
| आना | पढ़ाना , मिटाना ,चलाना |
| औना | बिछौना |
| ना | सोना , खाना , पीना , रोना ,नहाना |
| नी | करनी , भरनी , कहानी , चटनी |
उदाहरण -
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| आ | झूला , ठेला ,मारा |
| ई | चिमटी, रेती , टांकी ,फाँसी , गांसी |
| ऊ | झाड़ू |
| न | बेलन |
| ना | घोटना , ओढ़ना , खिलौना, झूलना , बेलना |
विशेषण वाचक कृत प्रत्यय –
उदाहरण –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| आवना | सुहावना , लुभावना |
| नी | कहनी , ठगनी , सुननी , नटनी |
| वाँ | कटवाँ , पिटवाँ , जोड़वाँ, चुनवाँ |
| ना | हँसना , रोना , सुहाना , दौड़ना |
क्रियावाचक कृदंतीय विशेषण ( प्रत्यय)–
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| औना | बिछौना , खिलौना |
| आवनी | छावनी |
| ना | झरना , पालना |
| का | छिलका |
| की | डुबकी |
संस्कृत के कृत या कृदंत प्रत्यय
संस्कृत भाषा के कृत प्रत्ययों का वर्णन निम्न है -
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| अक | गा – गायक ,ग्रह- ग्राहक , निंद – निंदक , पूज- पूजक , वच् – वाचक , लिख् – लेखक |
| अ | सृप् – सर्प , चर् – चर |
| अन | साधन , पावन , दमन |
| इन् ( हिंदी में ई ) | गुणी , त्यागी , रोगी |
| तृ ( हिंदी में ता) | दा- दाता , ज्ञा- ज्ञाता , क्री – क्रेता, पा – पाता |
भाववाचक कृत प्रत्यय –
उदाहरण
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| अ | क्री – क्रय, क्षुभ् – क्षोभ, जि – जय , दुष – दोष , लिप् – लेप |
| अन | गम् – गमन , ग़्रह- ग्रहण, खंड् – खंडन ,तृ- तरण |
| अना | अर्च्- अर्चना , कम् – कामना , कल्प् – कल्पना ,वंच्- वंचना |
| आ | अभिलष्- अभिलाषा, ईर्ष्य –ईर्ष्या ,चित् – चिंता , पुज् – पूजा |
| ई | कृष् – कृषि , बल् – बलि , त्रृट् – त्रृटि |
विशेषणवाचक कृत प्रत्यय – ( क्रिया पद से विशेषण की रचना) –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| तव्य | ध्यातव्य , कर्तव्य , गंतव्य |
| त | आगत , कृत , विगत |
| य | नृत्य, बध्य , खाद्य , शिष्य ,गद्य, स्तुत्य |
| अनीय | पठनीय , उल्लेखनीय ,पूजनीय |
उर्दू के कृत या कृदंत प्रत्यय –
हिंदी भाषा में उर्दू , अरबी ,फारसी के श्ब्दों का भी प्रयोग होता है | यहाँ केवल वे ही कृदंत शब्द दिये जा रहे है | जिसका प्रयोग हिंदी भाषा में होता है |
उर्दू के कृदंत प्रत्यय के उदाहरण –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| आ | दाना ( चतुर , जानने वाला ) ,रिहा( छुटने वाला ) मुआमला ( मामला ) |
| ई | आमदनी , रफतनी |
| इंदा | बाशिंदा , परिन्दा , कुनिंदा , जिंदा |
| इश | फरमाईश , परवरिस, मालिश ,कोशिश , ख्वाहिश ,नालिश |
| ह | मुर्दह, दाश्तह |
हिन्दी के तद्धित प्रत्यय
हिंदी के तद्धित प्रत्यय देशज तथा तद्भव शब्दों से बनते है | हिंदी के तद्धित प्रत्यय निम्न हैं -
भाववाचक तद्धित प्रत्यय –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| आस | मिठास , खटास |
| आ | खटका , बोझा , धड़का , ठेला , डेरा , रेला |
| आन | चौड़ान , लम्बान , ऊँचान |
| आई | भलाई , अगुआई , गोलाई , ऊचाँई , गहराई , चतुराई , पण्डिताई , मिठाई |
| आका | ठहाका , चटाका, पटाका, पड़ाका |
| आवट | महावट , अमावट |
| आहट | चिकनाहट , कड़ुआहट , चुलबुलाहट ,किचकिचाहट , गरमाहट |
| पन | बचपन, लड़कपन , अंधापन , देहातीपन , बांझपन , निखट्टूपन , छुटपन , टिकाऊपन , सनकीपन |
| औती | बपौती |
| आयत | बहुतायत, पंचायत |
| ई | डॉक्टरी , किसानी , खेती , गुंडई , दलाली , जालसाजी |
| पा | बुढ़ापा , मोटापा |
| ती | बढ़ती , घटती |
| कार | खनकार , टंकार, ठंकार,झंकार |
कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय-
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| आर | कुम्हार, लुहार , सोनार, चमार |
| ई | नर्तकी , तेली |
| इया | ढोलकिया, आढतिया , रसोइया , रसिया |
| एरा | सपेरा |
| एड़ी | गँजेड़ी , अँगेड़ी |
| वाला | सब्जीवाला , चायवाला , अखबारवाला , फेरीवाला |
| मार | छपामार , पाकेटमार , लट्ठमार |
| हार | पनिहार |
| हारा | चुड़िहारा ,लकड़हारा |
गुणवाचक ( विशेषणवाचक ) तद्धित प्रत्यय –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| आर | दुधार , गँवार |
| आ | भूखा , झूठा , प्यासा |
| आऊ | धराऊ , बताऊ |
| इक | साम्प्रदायिक, तार्किक , धार्मिक |
| ईला | खर्चीला |
| उआ | महुआ , फगुआ |
| हरा | रूँपहरा , इकहरा |
| वंत | गुणवंत , दयावंत |
| ऐला | गंधैला ,कसैला |
| ऐल | खपरैला , दंतैल |
| ऊ | पेटू , बाजारू |
लघुतावाचक ( ऊनतावाचक ) तद्धित प्रत्यय –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| इया | खटिया , डिबिया , बिटिया, गठरिया |
| की | कनकी |
| ई | घाटी , रस्सी , टोकरी , कटोरी |
| टी | कलूटी , चोटी |
| ड़ा | `चमड़ा , टुकड़ा , मुखड़ा |
| टा | चोट्टा, कलूटा |
स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय –
उदाहरण -
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| इया | भोजपुरिया , बम्बइया ,जयपुरिया |
| आना | राजपूताना , तेलंगाना ,अड़ियाना |
| वी | देहलवी , हरियाणवी |
| ई | बंगाली , जर्मनी |
स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय-
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| इन | लोहारिन , नागिन , नातिन , मालकिन ,कुजड़िन , भगतिन , भिखारिन |
| नी | मोरनी , महारानी , भवानी , देवरानी |
| इया | चुहिया , बुढ़िया , कुतिया , बछिया |
| आनी | जेठानी , नौकरानी |
| ई | मामी , नानी, काकी , बेटी , दीदी |
गणनावाचक तद्धित प्रत्यय –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| रा | तीसरा , दूसरा |
| वाँ | छठवाँ , दसवाँ , सातवाँ |
| हरा | दुहरा , तिहरा |
| ला | पहला |
सम्बंधवाचक तद्धित प्रत्यय –
उदाहरण –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| हाल | ननिहाल |
| आल | ससुराल |
| एरा | ममेरा, फुफेरा |
| जा | भतीजा |
सादृश्यवाचक तद्धित प्रत्यय –
उदाहरण-
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| सा | पीला-सा , काला-सा , नीला-सा |
| हरा | सुनहरा , रूपहरा |
संस्कृत के तद्धित प्रत्यय
यहाँ संस्कृत के उन तद्धित प्रत्यय का वर्णन किया जा रहा है , जो प्रत्यय हिंदी भाषा में विशेष रूप से प्रचलित है | जिनका वर्णन निम्न प्रकार है –
कर्तृवाचक संज्ञा बनाने वाले तद्धित प्रत्यय –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| इन् ( ई ) | दुखी , रोगी , सुखी |
| कारी | षणयंत्रकारी , दमनकारी आक्रमणकारी , |
| कार | नाटककार , पत्रकार , वार्ताकार , वास्तुकार |
भाववाचक संज्ञा बनाने वाले तद्धित प्रत्यय –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| ता | शत्रुता , नास्तिकता, नीचता, नैतिकता ,पवित्रता |
| इकी | भौतिकी , मानविकी ,औद्योगिकी |
| अ | गौरव , मौन , यौन , शौच , यौवन |
| इमा | अणिमा , तरुणिमा , लघिमा , रक्तिमा |
| इक | आलंकारिक , वैदिक , वैज्ञानिक |
| त्व | महत्व , अमरत्व , गुरुत्व, नेतृत्व , सतीत्व |
| य | माधुर्य, काव्य , काठिन्य ,तादात्म, पाण्डित्य |
| या | विद्या , चर्या, क्रिया |
| वाद | अद्वैतवाद ,एकेश्वरवाद , आतंकवाद , जातिवाद |
विशेषण बनाने वाले तद्धित प्रत्यय –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| अ | शैव , पार्थिव |
| इक | आध्यात्मिक , आधुनिक ,मानसिक , सार्वजनिक , सैनिक , भौतिक , हार्दिक |
| आलु | ईर्ष्यालु , शंकालु , श्रद्धालु |
| इत | खण्डित , पुलकित , फलित , मर्यादित |
| ईय | ईश्वरीय , विभागीय |
उर्दू के तद्धित प्रत्यय
यहाँ प्रचलित उर्दू के प्रमुख तद्धित प्रत्यय की सूची दी जा रही है –
| प्रत्यय | निर्मित शब्द |
| आबाद | इलाहाबाद , गाजियाबाद , फिरोजाबाद |
| आना | नजराना ,जुर्माना , मेहनताना |
| अंदाज | तीरंदाज |
| खाना | दवाखाना , छापाखाना |
| इयत | असलियत , इंसानियत ,खासियत |
| ईचा | बगीचा , गलीचा |
| इंदा | शर्मिंदा , कारिंदा |
| ईना | कमीना , महीना |
| कार | सलाहकार |
| दार | मालदार , जमींदार |
| गर | जादूगर , सौदागर |
| ची | खजानची ,अफीमची |
| दान | पीकदान , पायदान |
| वान | कोचवान ,बागवान |
| गार | गुनाहगार , यादगार ,मददगार |
| गाह | ईदगाह , दरगाह |
| बाज | दगाबाज , नसेबाज |
| बीन | तमाशबीन , दूरबीन |
| वर | हिम्मतवर, जानवर |
| गीर | आलमगीर , जहाँगीर |
| वार | माहवार , तारीखवार |
| नाक | खौफनाक , शर्मनाक |
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