कवि राज

एक मित्र कहने लगे हमें तुम पर नाज, कवि बनने का कारण हमें बता दो आज ! मैंने कहा मित्र मेरे है एक विचित्र राज, कविता को पड़ गया था हमसे कुछ काज ! आकर पूछा हमसे कैसे हो कविराज, सच कहूं मुझको हुआ था अचरज आज ! बड़े ही विस्मय में निकली मेरी आवाज, […]

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कौटिल्य का तर्कशास्त्र

राजनीति के छाया में तुम खेल रहे,क्यो इतने गंदे खेल। आजाद कराने में इस मुल्क को,कितनो को हुई थी जेल। धूमिल कर दी तुमने,आजाद भगत,सुखदेव की कहानी। जननी जन्मभूमि हेतु,जब प्राण गवां दी झांसी की मर्दानी। मिट गए जो धरती खातिर,जरा याद करो उनकी कुर्बानी। यादों को घोल पी गए तुम,सावरकर-सुभाष की बलिदानी। कौटिल्य के […]

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“चलो जीते है”

उधार है ये जिंदगी,उधार है ये रिश्ते। कोई किसी का नही,इन्सां हो या फ़रिश्ते। वक्त की पहिया,जो हर वक्त चलती। नही कभी ये थकती,नही कभी ठहरती।   चार दिन के मेले में,सब यहां अजनबी। जाने क्यों फिर भी,सब बने है मजहबी। एक इंसान दूसरे से, क्यो है डरा हुवा। सब निर्दोष है,फिर प्यार क्यो थका […]

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छोटा दिमाग भरी है बुद्धि

छोटा दिमाग भरी है बुद्धि। संभल के चलयीयो यारा  न दी हैं मम्मी न दिये हैं पापा दी है  पुस्तक दोस्त यारा। छोटा दिमाग भरी है बुद्धि। संभल के चलयीयो यारा। न दी है चाची न दिये हैं चाचा दिया है दिमाग साथी यारा। छोटा दिमाग भरी है बुद्धि। संभल के चलयीयो यारा। न दी […]

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आज कल की जिंदगी

आज कल की जिंदगी में हो रहा नाश है।  कहीं पानी की बर्बादी की जा रही है कहीं पानी की कमी हो जा रही है आज कल की जिंदगी में हो रहा नाश है। कहीं सड़को पर भिखारी भीख मांग रहे हैं कहीं नोटों को गंगा में बहा रहे हैं आज कल की जिंदगी में […]

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संभल के चलयीयो ना

छोटा दिमाग भरी है बुद्धि यारा संभल के चलयीयो ना। न दी हैं मम्मी इसे न दिये हैं पापा इसे दी है पुस्तक दोस्त मुझे। छोटा दिमाग भरी है बुद्धि यारा संभल के चलयीयो ना न दी हैं चाची इसे न दिये हैं चाचा इसे दिया है दिया है दिमाग। साथी इसे न दी हैं […]

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मेरी कविता-मेरी कहानी-सुन लो तुम सब मेरी जुबानी

  जबसे मैंने है होश संभाला,  तबसे था मेरी आज़ादी पर ताला,  पैदा हुई तो कहाँ थाली की झंकार थी, ठीकरा फोड़ा गया रोने की किलकार थी, भाई को मिला प्यार-दुलार अपार, मुझे मिली तो सही पर दुत्कार, पर पता नही क्या था मुझमे, जब भी जंजीरों का अहसास, कुछ ज्यादा होता था तो,  कुछ ज्यादा होता […]

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मेरी कविता-मेरी कहानी-सुन लो तुम सब मेरी जुबानी

  जबसे मैंने है होश संभाला,  तबसे था मेरी आज़ादी पर ताला,  पैदा हुई तो कहाँ थाली की झंकार थी, ठीकरा फोड़ा गया रोने की किलकार थी, भाई को मिला प्यार-दुलार अपार, मुझे मिली तो सही पर दुत्कार, पर पता नही क्या था मुझमे, जब भी जंजीरों का अहसास, कुछ ज्यादा होता था तो,  कुछ ज्यादा होता […]

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संभल जा यारो

संभल जा ये यारो कहां इस देश की धरा सोने और हीरे उगलती थी। अब इस देश की धरा धुआँ  और गंदे पानी उगलती है। संभल जा ये यारो कहां इस देश सोने की  चिड़िया कहा जाता था। अब इस देश किडोंका समूह कहा जाता है। संभल जा ये यारो कहां इस देश की धरा […]

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नयी पीढ़ी नयी पीढ़ी नयी पीढ़ी

नयी पीढ़ी नयी पीढ़ी नयी पीढ़ी। इस देश पर गौर करो जरा। सोने की चिड़िया से किडोंका का समूह बन गयी। गंगा जल से नाली का पानी बन गयी। आदमी मानव से दानव बन गया। हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में सब भाई भाई थे। अब आपस में एक दूसरे के विरोधी बन गए। नयी […]

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