भारतीय संविधान के निर्माण की प्रक्रिया एवं महत्वपूर्ण तथ्य तथा जानकारियां :
संविधान एक ऐसा दस्तावेज होता है, जो अपने राज्य एवं नागरिकों को अनुशासित रखने की विधिक व्यवस्था प्रदान करता है । संविधान लोकतंत्र का आधार स्तंभ होता है ।राजतंत्र में राजा के मुख से निकला वचन ही कानून होता था , परंतु लोकतंत्र में ऐसा नहीं है । लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार और नागरिक दोनों बंधे होते हैं । सामंजस्य बना रहता है। मनमानी की गुंजाइश बहुत कम रहती है । यदि कोई सरकार तानाशाही या मनमानी करती है तो लोकतंत्र में जनता आने वाले चुनाव में उसे हटा देती है । उसके स्थान पर दूसरी सरकार का चुनाव कर लेती है । यह संविधान की ताकत का ही परिणाम है ।
आगे हम भारतीय संविधान के परिप्रेक्ष्य में अध्ययन करेंगे ।
भारतीय संविधान से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य एवं जानकारियां :-
भारतीय संविधान से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों का अध्ययन निम्न प्रकार से कर सकते हैं । प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं :-
संविधान सभा के लिए चुनाव जुलाई-अगस्त 1946 ई. को हुआ । चुनाव परिणाम में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को 208, मुस्लिम लीग 73 और छोटे समूह तथा स्वतंत्र सदस्यों को 15 सीटें प्राप्त हुई। देसी रियासतों को 93 सीटें आवंटित की गयी थी , वहां भर नहीं पाई क्योंकि उन्होंने संविधान सभा से अलग रहने का निर्णय लिया ।
नवंबर 1946 को संविधान सभा का गठन हुआ । 9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई । बैठक में मुस्लिम लीग ने अलग से पाकिस्तान की मांग की और बैठक का बहिष्कार किया । इस कारण बैठक में केवल 211 सदस्यों ने हिस्सा लिया । वरिष्ठ सदस्य डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा को संविधान सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया । बाद में डॉ. राजेंद्र प्रसाद को स्थाई अध्यक्ष चुना गया । संविधान सभा के दो उपाध्यक्ष क्रमश: डॉ.एच.सी .मुखर्जी तथा वी.टी. कृष्णामचारी को चुना गया । श्री बी. एन. राव को संविधान सभा के संवैधानिक सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया ।
13 दिसंबर 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा में ‘ उद्देश्य प्रस्ताव ‘ प्रस्तुत किया । इस प्रस्ताव को 22 जून 1947 को संविधान सभा ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया । इससे आधार लेकर संविधान की प्रस्तावना बनी ।
संविधान सभा द्वारा ‘ हाथी ‘ को प्रतीक ( मुहर ) के रूप में अपनाया गया था ।
संविधान निर्माण के लिए विभिन्न प्रकार के समितियां बनी । जैसे – झंडा समिति, कार्य संचालन समिति, सदन समिति , वार्ता समिति , राष्ट्रध्वज समिति आदि समितियां बनी ।
समितियों में प्रमुख समिति प्रारूप समिति थी ।जिसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर जी थे ।
22 जुलाई 1947 को राष्ट्रीय ध्वज को अपनाया गया ।
मई 1949 में राष्ट्रमंडल में भारत की सदस्यता अंकित की गयी ।
24 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय गान एवं राष्ट्रीय गीत को अपनाया गया ।
24 जनवरी 1950 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में चुना गया ।
संविधान सभा की सदस्यता स्वीकार करने वालों में प्रमुख थे -महात्मा गांधी , तेज बहादुर सप्रू , जयप्रकाश नारायण आदि ।
संविधान निर्माण में मुख्य रूप से डॉ राजेंद्र प्रसाद ,जवाहरलाल नेहरु , डॉ. बी. आर. अंबेडकर ,मौलाना अबुल कलाम आजाद , टी.टी. कृष्णामचारी , आचार्य कृपलानी ,एम गोपालास्वामी आयंकर , एन. माधवराय , सरदार बल्लभ भाई पटेल ,वी. पट्टाभिसीतारमैय्या , डॉ. के.एन. मुंशी आदि विद्वानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा । जिनके सहयोग से संविधान मूर्त रूप ले सका । संविधान निर्माताओं ने लगभग 60 देशों के संविधानों का अध्ययन किया था ।
संविधान सभा की विभिन्न समितियां :-
भारतीय संविधान को बनाने में विभिन्न समितियों का निर्माण किया गया । जिसमें 8 बड़ी समितियां तथा कई अन्य छोटी-छोटी समितियां थी । जिनके अथक प्रयासों के द्वारा संविधान मूर्त रूप ले सका । संविधान की समितियों का वर्णन निम्न प्रकार से है-
प्रारूप समिति –इस समिति के अध्यक्ष डॉ. बी आर. अम्बेडकर थे । इस समिति के गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ था । अध्यक्ष सहित इसमें सात सदस्य थे , जिनके नाम इस प्रकार हैं –
डॉ. बी. आर. अम्बेडकर [अध्यक्ष ]
अल्लादी कृष्णास्वामी अय्यर [ सदस्य ]
एन . गोपालास्वामी आयंकर [ सदस्य ]
सैय्यद मोहम्मद सादुल्ला [ सदस्य ]
डॉ. के. एम. मुंशी [ सदस्य ]
एन. माधव राव ( बी. एल . मित्र के स्थान पर ) [ सदस्य ]
टी. टी. कृष्णामचारी (1948 में डी.पी. खेतान की मृत्यु के बाद ) [ सदस्य ]
संघ शक्ति समिति – जवाहर लाल नेहरू [अध्यक्ष ]
संघीय संविधान समिति – जवाहर लाल नेहरू [अध्यक्ष ]
प्रांतीय संविधान समिति- सरदार बल्लभ भाई पटेल [ अध्यक्ष ]
संचालन समिति – डॉ. राजेंद्र प्रसाद [अध्यक्ष ]
प्रक्रिया नियम समिति –डॉ. राजेंद्र प्रसाद [अध्यक्ष ]
राज्यों के लिए समिति- जवाहरलाल नेहरू [अध्यक्ष ]
मौलिक अधिकारों ,अल्पसंख्यकों एवं जनजातियों तथा बहिष्कृत क्षेत्रों के लिए सलाहकार समिति – सरदार बल्लभ भाई पटेल [अध्यक्ष ]
वित्त एवं कर्मचारी समिति –डॉ .राजेंद्र प्रसाद [अध्यक्ष ]
राष्ट्रध्वज संबंधी तदर्थ समिति-डॉ. राजेंद्र प्रसाद [अध्यक्ष ]
मुख्य आयुक्तों के प्रांतों के लिए समिति – बी. पट्टाभिसीतारमैय्या [अध्यक्ष ]
संघीय संविधान के वित्तीय प्रावधानों सम्बंधी समिति – नलिनी रंजन सरकार [अध्यक्ष ] ( यह सभा के सदस्य नहीं थे )
प्रारूप संविधान की जांच के लिए विशेष समिति – जवाहरलाल नेहरू [अध्यक्ष ]
प्रेस दीर्घा समिति – उषा नाथ सेन [अध्यक्ष ]
भाषाई प्रांत आयोग – एम. के. डार [अध्यक्ष ] ( यह सभा के सदस्य नहीं थे )
संविधान सभा के कार्यों के लिए समिति – जी .वी . मावलंकर [अध्यक्ष ]
सर्वोच्च न्यायालय के लिए तदर्थ समिति – एस. वरदाचारी [अध्यक्ष ] ( यह सभा के सदस्य नहीं थे )
नागरिकता पर तदर्थ समिति –एस. वरदाचारी [अध्यक्ष ] ( यह सभा के सदस्य नहीं थे )
संविधान सभा के अथक प्रयासों से संविधान 26 नवंबर 1949 को पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया । संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर 1949 के दिन ही इसे अपना लिया ( पारित किया )गया ।परंतु संविधान को 26 जनवरी 1950 ई. को लागू किया गया । 26 जनवरी से भारत एक गणराज्य बन गया तथा कानून का राज्य स्थापित हो गया । इस कारण 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं ।
संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा । संविधान सभा ने संविधान निर्माण के समय कुल 114 दिन बैठक की । संविधान निर्माण में कुल 6396729 रुपए खर्च हुए ।एक प्रमुख बात यह है कि संविधान की मूल प्रति टाइपिंग या प्रिंट के सहयोग से नहीं लिखी गई थी बल्कि हाथ से लिखी गई थी ।भारतीय संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अपने हाथ से प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने लिखी थी । मूल संविधान को 22 भागों में बांटा गया था । जिसमें 395 अनुच्छेद ( धाराएं ) और 8 अनुसूचियां थी ।इसकी मूल प्रति (कापी) हाथ से हिंदी और अंग्रेजी में लिखी गई थी । आज भी इसकी मूल प्रति (कापी) को संसद की लाइब्रेरी में हीलियम से भरे केस में रखी गयी है । मूल हस्तलिखित भारतीय संविधान के प्रत्येक पृष्ठ के सौंदर्यीकरण और सजावट का कार्य शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा किया गया । जिसमें प्रमुख रुप से नंदलाल बोस और बिउहर राम मनोहर सिन्हा शामिल थे ।
भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया, परंतु इसे 2 माह बाद 26 जनवरी 1950 को लागू की क्यों किया गया? आइए जानते हैं इसके पीछे की कहानी ।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित किया था । इसी दिन अर्थात 26 जनवरी 1930 को पहला स्वाधीनता दिवस घोषित किया गया था । इसके बाद प्रतिवर्ष इस दिन को मनाये जाने की शपथ ली गयी ।15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हो गया । 15 अगस्त स्वतंत्रता की तिथि निर्धारित हो जाने के कारण 26 जनवरी की तिथि को यादगार बनाने के लिए भारत के संविधान को 26 नवंबर 1949 की बजाय 26 जनवरी 1950 को चुना गया । इसी दिन से भारत का संविधान लागू हो गया ।