बसंत ऋतु का हुआ आगमन,

झूमें आम, कुसुमित डाली।
पीली सरसो, लहर रही है,
खेतों में है हरियाली।

महक उठे हैं गाँव-गली सब,
नयी उमंगे, हर मन में।
हवा बसंती चले मस्त हो,
थाप पड़े, उसकी तन में।

चना, मटर, सरसो भी अब,
फूलों से कर रहे सिंगार।
गेहूँ,धनियाँ,पालक,मूली,
हरियल चोला रहे निहार।

दुल्हन के सम सज गई धरती,
वन-वन हरियाली छायी।
प्रेम मुदित मन करता स्वागत,
प्रिय बसंत ऋतु है आयी।

नाम-अंजनी कुमार शर्मा
पता-रायबरेली, उत्तर प्रदेश
मो.-8808928035


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'हिंदी को उच्च शिखर पर प्रतिष्ठित करने के लिए प्रतिबध्द'
अंजनी कुमार शर्मा
परास्नातक(हिंदी साहित्य, राजनीति विज्ञान), बी.एड., नेट/जेआरएफ

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