किसी के बीमार होने पर

किसी के बीमार होने पर, ठहर जाती हैं आँखें, उसकी जमीन पर घर के जेवरों पर, बेटे की तनख्वाह पर सच होती आशंकाएँ तार तार होती ज़िन्दगी फिर भी जिसे जाना था चला गया, छोड़ गया,सबको तिल-तिल मरने को| उसकी नासमझ बिटिया भी समझ जाती है, अंतिम बार देख रही है उसे, और शायद यही […]

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उस दिन

उस दिन , जब तुम कार से उतरी थीं | स्वर्ग से आयीं अप्सरा, सी लग रहीं थीं | दिव्या दी, भूमिका तुम्हारा हाथ पकड़ तुमसे मिल रही थीं | मैं भी था सहमा-सहमा सा, अपनी अनिश्चित बारी के, इंतज़ार में | ‘आपका नाम’ तुमने पूछा था | मुद्दतों बाद मुझसे , मेरा नाम किसी […]

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