आखिर क्यों, आखिर क्यों।
माँ बनी…………………….
बेटी परवरिश की बदनाम।
क्या यही था।
क्या यही था।
उसकी प्यारी ममता का परिणाम।
मानो आसुँ बन छलके।
मानो आसुँ बन छलके।
उसका कोई भयानक उपनाम।
गाती थी बिलखती थी।
वो प्यारी माँ…………..
वो प्यारी माँ…………..
आखिर किसे अपना दुख दर्द।
जता पाती थी।
सोती थी जागती थी।
हर पल परिवार का ख्याल रखती थी।
बेटी की हर पल जीत का।
मानो खुशी खुशी जश्न मनाती थी।
आखिर हार का कारण किसे।
जता पाती थी।
आखिर क्यों, आखिर क्यों।
माँ बनी…………………….
बेटी परवरिश की बदनाम।

नाम = कविता संघवी
जन्म तिथि = 18/5/1988
स्थान = रामगंजमण्डी (कोटा ) राजस्थान


About Author


sanghvi ki webduniya

Other posts by

वेबसाइट के होम पेज पर जाने के लिए क्लिक करे

Donate Now

Please donate for the development of Hindi Language. We wish you for a little amount. Your little amount will help for improve the staff.

कृपया हिंदी भाषा के विकास के लिए दान करें। हम आपको थोड़ी राशि की कामना करते हैं। आपकी थोड़ी सी राशि कर्मचारियों को बेहतर बनाने में मदद करेगी।

[paytmpay]