ओ प्यारी माँ……..ओ प्यारी माँ……
आज तेरा है अंतिम दिन।
माँ एक सवाल पुछना।
क्या जवाब दे पाओगी क्या।
क्यों बेटे और बेटी में फर्क।
क्या आज बता पाओगी क्या।
क्या आज समझा पाओगी क्या।
ओ प्यारी माँ……..ओ प्यारी माँ……
बेटे और बेटी दोनों तेरी ही कली।
फिर क्युँ माँ बेटी ही मुरझाई कली।
फिर क्युँ माँ बेटी ही मुरझाई कली।
ओ प्यारी माँ……..ओ प्यारी माँ……
देख वो पगला नव कन्या ढुंढ रहा।
क्या माँ बता पाओगी क्या।
पगले को समझा पाओगी क्या।
क्यों पगले नव कन्या ढुंढ रहा।
क्यों बेकाबु तु भटक रहा।
सालों पहले तुने खुद एक खेल रचा।
क्या कभी वो खेल है सोचा नहीं ना।
अरे पगले तुने ही तो कन्या भ्रुण हत्या खेल रचा।
मैं पुछती हुँ। मैं पुछती हुँ।
क्या था कन्या भ्रुण हत्या कोई स्वर्ण आवरण।
या था कोई रजत आवरण।
अाखिर क्यों बनी पगले बेटी कन्या भ्रुण हत्या कारण।
अाखिर क्यों बनी माँ बेटी कन्या भ्रुण हत्या कारण।
ओ प्यारी माँ…..ओ प्यारी माँ…..

नाम = कविता संघवी
जन्म तिथि = 18/5/1998
स्थान = रामगंजमण्डी कोटा ( राजस्थान )


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