तुमने भेजा है उन लोगो को गांव में
जो सालो से नहीं गए थे पीपल की छांव में
तुमने कई मांओ को मिलाया है अपने बच्चो से
तुमने मिलाया है हमें समाज के दुश्मनों से,
अपनी तो अपनी इस जहान के दुश्मनों से
तुमने ठहराया है गलत डार्विन के सिद्धांत को
बलशाली की जीत और कमजोर के अंत को
जो कमजोर है वो जंग जीत चुके हैं,
अमेरिका के खजाने रीत चुके हैं
तुमने बताया है प्रकृति की ताकत को
तुमने दर्शाया है पशुओं की आफत को
तुमने बुझाया है कई घरों के दियो को
तुम्हारे अंदर का शैतान डरा ना, धन्यवाद कोरोना
तुमने बता दी है जान कि कीमत
गेहूं चना और धान की कीमत
तुमने समाज के स्वार्थी लोगो से मिलाया
जिन्होंने महामारी में जम के लाभ कमाया
वजह तुम्हारी की घूरे के दिन फिर से फिर आए हैं
“ग्राम वसंते भूताना” कहने वाले भी गांवों में आए है
धन्यवाद कोरोनो तुमने बिछड़े घर द्वार मिलाए है
✍️ शुभम शर्मा “पाराशर”
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