उजड़ी बस्ती, उजड़ा घर।
उजड़ी बस्ती, उजड़ा घर।
बारिश की बूंद बनी एक महक।
वो चिड़ियों की चहक।
वो मिट्टी की महक।
क्या हुआ एेसा मगर।
क्या हुआ एेसा मगर।
मानो बारिश बूंद बनी।
मानो बारिश बूंद बनी।
एक आफत लहर।
सैकड़ो डगर हुए पतझर मगर।
क्युँ हुएँ सैकड़ो बेघर।
क्या था कोई पतझर।
या था कोई आफत लहर।
नदी तालाब भुले डगर।
था एेसा कोई बड़ा पतझर।
आयी एेसी आफत लहर।
क्या हुआ एेसा मगर।
उजड़ी बस्ती, उजड़ा घर।

नाम = कविता संघवी
जन्म तिथि = 18/5/1998
स्थान = रामगंजमण्डी कोटा (राजस्थान )


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