विभक्ति | पुल्लिंग ( एकवचन ) | स्त्रीलिंग( एकवचन ) | नपुंसकलिंग ( एकवचन ) |
प्रथमा | एक: | एका | एकम् |
द्वितीया | एकम् | एकाम् | एकम् |
तृतीया | एकेन् | एकया | एकेन् |
चतुर्थी | एकस्मै | एकस्यै | एकस्मै |
पंचमी | एकस्मात् , एकस्माद् | एकस्या: | एकस्मात् ,एकस्माद् |
षष्ठी | एकस्य | एकस्या: | एकस्य |
सप्तमी | एकस्मिन् | एकस्याम् | एकस्मिन् |
नोट – एक के रूप एकवचन में प्रथमा विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक होते हैं |द्विवचन तथा बहुवचन में रूप नहीं होते हैं | एक का रूप तीनों लिंगो में अलग-अलग एकवचन में ही होता है |ऊपर दी गई तालिका से स्पष्ट है |
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विभक्ति | पुल्लिंग (द्विवचन) | स्त्रीलिंग(द्विवचन) | नपुंसकलिंग(द्विवचन) |
प्रथमा | द्वौ | द्वे | द्वे |
द्वितीया | द्वौ | द्वे | द्वे |
तृतीया | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् |
चतुर्थी | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् |
पंचमी | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् | द्वाभ्याम् |
षष्ठी | द्वयो: | द्वयो: | द्वयो: |
सप्तमी | द्वयो: | द्वयो: | द्वयो: |
नोट – द्वि( दो ) के रूप प्रथमा से सप्तमी विभक्ति तक तीनों लिंगों में अलग-अलग द्विवचन में ही होते है |
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विभक्ति | पुल्लिंग (बहुवचन) | स्त्रीलिंग(बहुवचन) | नपुंसकलिंग(बहुवचन) |
प्रथमा | त्रय: | तिस्त्र: | त्रीणि |
द्वितीया | त्रीन् | तिस्त्र: | त्रीणि |
तृतीया | त्रिभि: | तिसृभि: | त्रिभि: |
चतुर्थी | त्रिभ्य: | तिसृभ्य: | त्रिभ्य: |
पंचमी | त्रिभ्य: | तिसृभ्य: | त्रिभ्य: |
षष्ठी | त्रयाणाम् | तिसृणाम् | त्रयाणाम् |
सप्तमी | त्रिषु | तिसृषु | त्रिषु |
नोट– त्रि ( तीन ) के रूप प्रथमा से सप्तमी विभक्ति तक तीनों लिंगों में अलग – अलग बहुवचन में होते हैं |
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विभक्ति | पुल्लिंग (बहुवचन) | स्त्रीलिंग(बहुवचन) | नपुंसकलिंग(बहुवचन) |
प्रथमा | चत्वार: | चतस्त्र: | चत्वारि |
द्वितीया | चतुर: | चतस्त्र: | चत्वारि |
तृतीया | चतुर्भि: | चतसृभि: | चतुर्भि: |
चतुर्थी | चतुर्भ्य: | चतसृभ्य: | चतुर्भ्य: |
पंचमी | चतुर्भ्य: | चतसृभ्य: | चतुर्भ्य: |
षष्ठी | चतुर्णाम् | चतसृणाम् | चतुर्णाम् |
सप्तमी | चतुर्षु | चतसृषु | चतुर्षु |
नोट- चतुर् ( चार ) के रूप प्रथमा विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक तीनों लिंगों में अलग-अलग केवल बहुवचन में होते है |
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विभक्ति | बहुवचन (पुल्लिंग , स्त्रीलिंग तथा नपुंसकलिंग ) |
प्रथमा | पञ्च |
द्वितीया | पञ्च |
तृतीया | पञ्चभि: |
चतुर्थी | पञ्चभ्य: |
पंचमी | पञ्चभ्य: |
षष्ठी | पञ्चानाम् |
सप्तमी | पञ्चसु |
नोट – पञ्चन् और इसके आगे के संख्यावाची शब्दों के रूप तीनों लिंगों में समान होते है और केवल बहुवचन में होते है |
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विभक्ति | बहुवचन (पुल्लिंग , स्त्रीलिंग तथा नपुंसकलिंग ) |
प्रथमा | षट् |
द्वितीया | षट् |
तृतीया | षड्भि: |
चतुर्थी | षड्भ्य: |
पंचमी | षड्भ्य: |
षष्ठी | षण्णाम् |
सप्तमी | षट्त्सु , षट्सु |
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विभक्ति | बहुवचन (पुल्लिंग , स्त्रीलिंग तथा नपुंसकलिंग ) |
प्रथमा | सप्त |
द्वितीया | सप्त |
तृतीया | सप्तभि: |
चतुर्थी | सप्तभ्य: |
पंचमी | सप्तभ्य: |
षष्ठी | सप्तानाम् |
सप्तमी | सप्तसु |
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विभक्ति | बहुवचन (पुल्लिंग , स्त्रीलिंग तथा नपुंसकलिंग ) |
प्रथमा | अष्टौ ,अष्ट |
द्वितीया | अष्टौ , अष्ट |
तृतीया | अष्टाभि: , अष्टभि: |
चतुर्थी | अष्टाभ्य: , अष्टभ्य: |
पंचमी | अष्टाभ्य: , अष्टभ्य: |
षष्ठी | अष्टानाम् |
सप्तमी | अष्टासु , अष्टसु |
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