परम प्रतापी देश। 

यह   परम   प्रतापी   भारतवर्ष      हमारा बहती  जिसमें  गंगा-  यमुना  की    धारा, सदियों से इसमें पाप सकल  धुल   जाता पावन-जल में संताप सकल  घुल   जाता। युग -युग से रक्षित  करता  इसे  हिमालय उत्तुंग शिखर पर स्थित  दिव्य- शिवालय, तन पर हिम की सित चादर डाल खड़ा   है बाधक दुश्मन […]

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देश हो खुशहाल। 

‘समृद्ध- भारत’ चाह   मेरी मंजिलें   व    राह      मेरी, फँस तिमिर  के  पाश    में न   हो    कभी        बेहाल। देश हो  खुशहाल। व्याधि, पीड़ा अब न   जकड़े सठ कुपोषण आ न    पकड़े, हो न  किल्लत  औषधि  की मिले         रोटी    –     दाल। […]

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आज के ज़माने में बेकसूर की जिंदगी

आज के जमाने में बेकसूर की जिंदगी। पता नहीं क्या दर्द है इस सीने में, चाहकर भी किसी से कुछ कह नहीं सकता, ये जनता हूँ मै की कसूर वार नहीं हूँ किसी का, मगर फिर भी खुद को बेकसूर कह नहीं सकता, जिम्मेदारिया इतनी आ चुकी है इस छोटी सी जिंदगी में, की चाहकर […]

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अगर करो तुम वादा मुझसे

अगर करो तुम वादा मुझसे मरुधर में भी फूल खिलादूँ पर्वत को भी धूल बनादूँ अगर करो तुम वादा मुझसे प्राण ! मेरे संग चलने का । हँस-हँसकर शूल चुनूँ पथ के पलकों की नाजुक उँगली से बणीठणी-सा चित्र उकेरूं मग पर करुणा कजली से डगर-डगर की प्यास बुझादूँ राहों की भी आह मिटादूँ अगर […]

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बच्चा हुआ जाए

चलो आज फिर से – बच्चा हुआ जाए| इस दुनिया की समझदारी को छोड़ कर फिर से मस्ती में जिया जाए| चलो आज फिर से बच्चा हुआ जाए…… नीले गगन की खुली हवा में- फिर से जी भर साँस लिया जाए| चलो आज फिर से बच्चा हुआ जाए……. पक्षियो के साथ – साथ उड़ने का […]

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होली का संदेश

कविता – होली का संदेश (आई होली) होली आई होली आई, प्यार भरे रंगो का त्यौहार लाई । होली आई होली, सबके रंगहीन हृदय मे भरने रंग लाई।। परिवार को एक साथ मिलवाने आई होली, भाई भाई को गले लगवाने आई होली, पुराने नोक-झोंक मिटाने आई होली, सबसे मन मुटाओ मिटाने आई होली,  भाई चारा […]

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होली के रंग

रंगो मे डूबे है सारे हिन्दुस्तानी बरसाना मे होली खेले राधा संग मोहनमुरारी गुलालो से सजा है सारा आंसमा पुलकित है आज ,सारा संसार यू ही रंगो सा सज जाए जीवन सबका बेशुमार मंगलमय हो सबके लिए होली का उत्सव आज अपनी इन पंक्तियो से कविता देती है सबको मुबारकबाद मंगलमय हो होली का पर्व […]

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पतझड़

पतझड़ भी जिंदगी का  हिस्सा है फर्क है इतना कुदरत से सूखते  है पते जिंदगी मे सूखते है रिश्ते जो जो नाम के होते है सावन की तरह और  बिखर जाते है पतझड़ की तरह     पतझड़  मे पते लगा नहीं सकते वैसे ही जबरदस्ती रिश्ते बना नहीं सकते पत्थर के दिल पिघला नहीं […]

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ज़िन्दगी के पल

कल देखा किसने है जो है आज है जिस पल मे हम खुश है वो पल सबसे खूबसूरत है मन मे सब रखो खुशी की तरह जो है आज है गुंजाइस फूलो की रखो तो काँटों को क्यों छुए हम जहां जागने की जरूरत हो तो वहाँ सोय क्यो हम खुशियों की बौछार है यही […]

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पहला प्यार

सावन की पहली बरसात सा होता है पहला प्यार ओस की बूंदो की तरह सतह पर ठहरा सा होता है पहला प्यार  ………. वक्त रुक जाता है सब छूट जाता है बस यादों मे वक्त की तरह रुक जाता है पहला प्यार………. उमंगो की तरह बसता है रंगों की तरह बिखर जाता है  पहला प्यार……… […]

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