कुछ तो बाकी है….

दोस्तों की दोस्ती में मेरा किरदार कुछ बाकी है,

तुम मिल ना सके कुछ वक़्त के लिए मगर हर वक़्त इंतजार बाकी है,

तुम सब जिंदगी में वो एहसास हो मेरे मस्ती भरा वो लम्हा बाकी है,

ना लड़ाई है,ना झगड़ा है, सबको अपनी अपनी मजबूरी ने जकड़ा है फिर भी कुछ पल का किस्सा बाकी है,

उस दौर को कैसे भूल पाऊंगी जिसमें साथ बैठकर बातो के चटकारे मारे थे,बातो ही बातो में जाने कितने ही वादे हमने कर डाले थे,
आज वो वादे याद करना बाकी है,

चल दिए हो अगर तुम अपनी ज़िंदगी के नए सफर में ,
मेरी ये दोस्ती में आजादी अब बस कुछ दिनों की बाकी है,

याद दिलाती हूं मै खुद अपनी तो क्या दोस्त,
तुम सबका भी तो कुछ वादा खुद से बाकी है,

वो मेरी दोस्ती आज भी बाकी है और आगे भी बाकी है…

दिल से तुम्हारी दोस्त
कुछ तो बाकी है।😊

Divya Dubey Dhar


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