अकारांत : नपुंसकलिंग, “ फल ” शब्द के रूप

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमाफलम्फलेफलानि
द्वितीयाफलम्फलेफलानि
तृतीयाफलेनफलाभ्याम्फलै:
चतुर्थीफलायफलाभ्याम्फलेभ्य:
पंचमीफलात्फलाभ्याम्फलेभ्य:
षष्ठीफलस्यफलयो:फलानाम्
सपतमीफलेफलयो:फलेषु
सम्बोधनहे फलम् !हे फले !हे फलानि !

नोट– गृह , जल ,ज्ञान , पुष्प , पुस्तक, नगर , शरीर , अमृत , मित्र , धन आदि के रूप ‘ फल ’ के समान चलते है |


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