विभक्तियों का ज्ञान होना आवश्यक है | विभक्तियों के ज्ञान से अनुवाद तथा अशुद्ध वाक्यों को शुद्ध करने में सहायता मिलती है |संस्कृत में इसके लिये नियम बने हुए हैं , जिनका संक्षिप्त परिचय निम्न लिखित है –
प्रथमा विभक्ति –
(1) सूत्र – प्रातिपादिकार्थ- लिंग –परिमाण –वचनमात्रे प्रथमा |
अर्थ – प्रातिपादिक अर्थ ,लिंग मात्र ,परिमाण मात्र और वचन मात्र में प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है |
नोट – सम्बोधन में भी प्रथमा विभक्ति का प्रयोग होता है |उदाहरण – उच्चै:, नीचै:, राम:, कृष्ण:, ज्ञानम्, तट, तटी, तटम्, एक:, द्वौ, बहव:, हे राम, हे कृष्ण,
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