शुक्ल युग ( छायावाद युग ) :-

शुक्ल युग सन् 1919 से 1938 ईo तक के काल को शुक्ल युग कहा जाता है | हिन्दी गद्य साहित्य मे महत्वपुर्ण योगदान करने वाले विद्वान आचार्य रामचन्द्र शुक्ल जी के नाम पर शुक्ल युग नाम दिया गया |

इस युग को ‘ प्रसाद युग’, प्रेमचन्द्र युग, छायावादी युग, के नामो से भी जाना जाता है |

हिन्दी खडी बोली गद्य के विकास का संक्षिप्त परिचय :-

काल का नाम काल ( समय )
1. भारतेन्दु पूर्व युग अथवा प्राचीन युग 13वीं शताब्दी के मध्यसे 1868 ईo तक
2. भारतेन्दु युग सन् 1868 से 1900 ईo तक
3. व्दिवेदी युग सन् 1900 से 1922 ईo तक
4. शुक्ल युग (छायावादीयुग ) सन् 1919 से 1938 ईo तक
5. शुक्लोत्तर युग ( छायावादोत्तर युग ) सन् 1938 से 1947 ईo तक
6. स्वातन्त्र्योत्तर युग सन् 1947 ईo से अब तक

हिन्दी के उपभाषाए एंव बोलिया:-

उपभाषाए बोलिया
1. पुर्वी हिन्दी 1. अवधी, 2. बघेली, 3. छत्तीसगढी |
2. पश्चिमी हिन्दी 1. खडीबोली (कौरवी), 2. ब्रजभाषा, 3. हरियाणवी ( बागरू ),बुन्देली, कन्नौजी |
3. बिहारी हिन्दी 1. भोजपुरी, 2. मैथिली, 3. मगही |
4. राजस्थानी हिन्दी 1. मारवाडी, 2. जयपुरी, 3. मेवाती, 4. मालवी |
5. पहाडी हिन्दी 1. कुमाऊनी, 2. गढवाली, 3. नेपाली |

शुक्लयुग के प्रमुख निबन्धकार एंव उनकी प्रमुख कृतिया:-

लेखक कृतिया
1. आचार्य रामचनन्द्र शुक्ल चिन्तामणि
2. श्यामसुन्दर दास गद्य कुसुमावली, रुपक रहस्य
3. जयशंकर प्रसाद काव्य कला
4. गुलाब राय ठलुआ क्लब, मेरे निबन्ध , मेरी असफलताए फिर निराश क्यो
5. आचार्य हजारी प्रसाद व्दिवेदी अशोक के फ़ूल, कल्पलता, विचार और
वितर्क, कुटज, विचार प्रवाह, अलोक पर्व
6. डॅI0 सम्पुर्णानन्द जीवन और दर्शन, पृध्वी से सप्तर्षि मण्डल
चिद् विलास, ज्योतिर्विनोद
7. वासुदेव शरण अग्रवाल पृथ्वीपुत्र
8. शान्तप्रिय व्दिवेदी साकल्य, धरातल, युग और साहित्य

शुक्लयुग के प्रमुख उपन्यासकार एंव उनकी कृतियॉ

लेखक कृतिया
1. मुन्शी प्रेमचंद गवन,गोदान,निर्मल, सेवासदन,रंगभूमि,आदि |
2. जयशंकर प्रसाद कंकाल, तितली, इरावती(अपूर्ण)
3. आचार्य चतुरसेन शास्त्री वैशाली की नगरवधू वयं रक्षाम: आलमगीर
अपराजीता आदि |
4. भगवतीचरण वर्मा चित्रलेखा, भोले बिसरे चित्र, टेढे- मेढे रास्ते,
सबहि नचावत राम गोसाई आदि |

शुक्लयुग के प्रमुख कहानीकार एंव उनकी कृतिया :-

कहानीकार प्रमुख कहानिया
1. मुंशी प्रेमचन्द पंचपरमेश्वर, पूस की रात, कफन, ईदगाह,मन्त्र,
बुढी काफी, नमक का दरोगा ठाकुर का कुआ, बडे भाई साहब आदि |
2. जयशंकर प्रसाद आकाशदीप, ममता, इन्दजाल, आंधी, पुरस्कार
आदि |
3. चतुरसेन शास्त्री दे खुदा की राह पर, ककडी की कीमत,
अम्बपालिका, पन्नाधाय, रुठी रानी आदि |
4. पाण्डेय बेचन शर्मा “उग्र” चाकलेट, शैतान मण्डली, दोजख की आग, चिनगारिया

शुक्लयुग के प्रमुख नाटककार एंव उनकी कृतिया :-

नाटककार का नाम प्रमुख नाट्य कृतिया
1. जयशंकर प्रसाद जनमेजय का नाग यज्ञ, चन्द्रगुप्त, राज्यश्री, स्कन्दगुप्त,
ध्रुवस्वामिनी आदि |
2. लक्ष्मीनारयण मिश्र सिन्दुर की होली, संन्यासी, राजयोग, राक्षस का मन्दिर,
आधी रात आदि |
3. गोविन्दवल्लभ पन्त अंगूर की बेटी, राजमुकुट, सिन्दूर की बिन्दी, ययाति
आदि |
4. उदयशंकर भट्ट नया समाज, मुक्तिपथ, पार्वती, शक विजय आदि |
5. उपेन्द्रनाथ “अश्क:” अंजो दीदी, उडान, अलग-अलग रास्ते, स्वर्ग की झलक
आदि |

शुक्लयुग के प्रमुख एकांकीकार एंव उनकी कृतिया :-

एकांकीकार प्रमुख एकांकी
1. रामकुमार वर्मा दीपदान, बादल की मृत्यु, रेशमी टाई, इन्द्रधनुष ऋतुराज आदि |
2. भुवनेश्वर प्रसाद मिश्र कारंवा, आजादी की नींद, तांबे के कीडे, सिकन्दर
स्ट्राइक आदि |
3. उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ परदा उठाओ, साहब का जुकाम, पक्का गाना,
चरवाहे, अन्धी गली, देवताओ की छाया मे आदि |
4. सेठ गोविन्ददास पंचभूत, सप्तरश्मि, कंगाल नही, एकादशी आदि |
5. लक्ष्मीनारायण मिश्र अशोक वन, चक्रव्यूह, अपराजित आदि |

शुक्लयुग प्रमुख आलोचक एंव उनकी कृतिया:-

आलोचक का नाम प्रमुख कृतिया
1. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल चिन्तमणि (दो भाग), सूरदास, रसमीमांसा,
गोस्वामी तुलसीदास आदि |
2. आचार्य हाज्रारी प्रसाद व्दिवेदी कबीर, हिन्दी साहित्य, सूर साहित्य, हिन्दी साहित्य की
भूमिका आदि |
3. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र वाड्यमय विमर्श |
4. डाo नागेन्द्र सुमित्रानन्दन पन्त, साकेत एक अध्ययन, नयी समीक्षा
नये सन्दर्भ, रीतिकाव्य की भुमिका आदि |

2 responses to “हिन्दी गद्य का विकास ( शुक्ल युग तथा शुक्लोत्तर युग )”

  1. 8858199989
    अद्वितीय, अनुपम और अप्रतिम प्रयास बहुत ही सुंदर सर।

  2. Satendra says:

    7455895760
    Thanks to help the students sir

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