उपराष्ट्रपति से संबंधित जानकारियां

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 63 में भारत के उपराष्ट्रपति का वर्णन है । वरीयता क्रम से की दृष्टि से उपराष्ट्रपति दूसरा सर्वोच्च पद होता है । भारत के राष्ट्रपति के बाद उपराष्ट्रपति का स्थान आता है । भारतीय संविधान निर्माताओं ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति की तर्ज पर भारत में उपराष्ट्रपति का पद निर्धारित किया । उपराष्ट्रपति का भी चुनाव जनता द्वारा प्रत्यक्ष न होकर राष्ट्रपति के चुनाव की तरह ही होता है ।

उपराष्ट्रपति के पद के लिए आहर्ताएं या योग्यता

भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए निम्नलिखित योग्यता होनी चाहिए
(1) वह भारत का नागरिक हो ।
(2) वह 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो ।
(3) राज्यसभा का सदस्य बनने के योग्य हो ।
(4) वह किसी लाभ के पद पर न हो । ( यदि कोई व्यक्ति राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के पद , किसी राज्य का राज्यपाल , संघ अथवा राज्य का मंत्री हो तो उसे लाभ का पद नहीं माना जाएगा ।
इसके अतिरिक्त उपराष्ट्रपति के नामांकन के लिए उम्मीदवार के पास 20 प्रस्तावक और 20 अनुमोदक होने चाहिए । उम्मीदवार को जमानत राशि के रूप में ₹15000 भारतीय रिजर्व बैंक में जमा करना अनिवार्य है ।

उपराष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया को निम्नलिखित रुप से समझा जा सकता है –

  1. उपराष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है ।
  2. चुनाव गुप्त मतदान द्वारा होता है ।
  3. उपराष्ट्रपति के चुनाव में संसद के निर्वाचित और मनोनीत दोनों सदस्य भाग लेते हैं । ( राष्ट्रपति के चुनाव में केवल निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं । )
  4. उपराष्ट्रपति के चुनाव में राज्य विधानसभाओं के सदस्य भाग नहीं लेते ।
  5. मतों की गणना का नियम राष्ट्रपति के निर्वाचन के अनुसार किया जाता है ।
  6. उपराष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होगा ।
  7. उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित किसी भी तरहके विवादों और शंकाओं के समाधान के लिए सर्वोच्च न्यायालय ही विकल्प है सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय अंतिम व सर्वमान्य होगा ।

उपराष्ट्रपति का शपथ

उपराष्ट्रपति को अपने पद की शपथ राष्ट्रपति दिलाता है या राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति द्वारा दिलवाई जा जा सकती है उपराष्ट्रपति शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद निम्न प्रकार शपथ लेगा –

” मैं ( अपना नाम ) भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा । मैं अपने कर्तव्यों का निर्वाह श्रद्धा पूर्वक करूंगा ।”

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल

उपराष्ट्रपति का कार्यकाल शपथ ग्रहण से 5 वर्ष तक का होता है । परंतु उप राष्ट्रपति अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को किसी भी समय दे सकता है ।

उपराष्ट्रपति के वेतन भत्ते और सुविधाएं

उपराष्ट्रपति का वेतन राज्यसभा का पदेन सभापति होने के कारण मिलता है दो हजार अट्ठारह से उपराष्ट्रपति का वेतन ₹4 लाख प्रतिमाह है । इसके अतिरिक्त निशुल्क सुसज्जित आवास दैनिक भत्ता का फॉर्म यात्रा एवं चिकित्सा आदि सुविधा प्रदान की जाती है ।

उपराष्ट्रपति के पद की रिक्तता

ऐसे कौन से कारण है , जिसके माध्यम से उपराष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाता है। इसका संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है –

  1. 5 वर्ष व की अवधि समाप्त होने पर उपराष्ट्रपति का पद रिक्त ( खाली ) हो जाता है ।
  2. उपराष्ट्रपति द्वारा त्यागपत्र देने पर भी पद रिक्त हो जाता है ।
  3. उपराष्ट्रपति की मृत्यु होने पर भी पद रिक्त हो जाता है ।
  4. उपराष्ट्रपति की बर्खास्तगी पर भी पद रिक्त हो जाता है ।
  5. यदि किसी उपराष्ट्रपति का निर्वाचन किसी कारणवश अवैध घोषित हो जाने पर भी पद रिक्त हो जाता है ।

उप राष्ट्रपति की शक्तियां एवं कार्य

उप राष्ट्रपति की शक्तियां एवं कार्यों का विवरण निम्नलिखित है

  1. उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है उस दौरान उसकी शक्तियां लोकसभा अध्यक्ष की तरह होता है ।
  2. राष्ट्रपति की मृत्यु होने त्यागपत्र बीमारी या किसी अन्य कारणों से पद रिक्त होने पर उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में उसके समस्त कार्यों का निर्वाह करता रहेगा | कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने की अधिकतम अवधि 6 माह है | राष्ट्रपति का चुनाव हो जाने पर उपराष्ट्रपति अपने मूल पद पर चला जाता है ।
  3. उपराष्ट्रपति जब तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है , उस समय उसे राष्ट्रपति की समस्त शक्तियां एवं सुविधाएं प्रदान होती है ।
  4. उपराष्ट्रपति राज्यसभा में सत्रों की अध्यक्षता करता है | राज्यसभा में वोटों की समानता के समय उसे वोट डालने का अधिकार है ।
  5. जिस समय उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है उस समय वह राज्यसभा के सभापति का कार्य नहीं करता | उस समय उपराष्ट्रपति के समस्त कार्यों का निर्वाहन उपसभापति द्वारा किया जाता है ।

उपराष्ट्रपति को पद से हटाने की प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए राष्ट्रपति की तरह महाभियोग जैसी प्रक्रिया नहीं है । उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस दिया जाता है । उपराष्ट्रपति को हटाने के प्रस्ताव को राज्य सभा में प्रभावी बहुमत से पारित होना चाहिए , तत्पश्चात इसे लोकसभा में सामान्य बहुमत से पारित होना चाहिए । दोनों सभाओं से पारित हो जाने पर उसे पद त्याग देना होगा । उपराष्ट्रपति को हटाने के प्रस्ताव को केवल राज्यसभा में ही सर्वप्रथम प्रस्तुत किया जाता है ।


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